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September 22, 2023
Nation Issue
छत्तीसगढ़

अरनपुर हमले में नक्सलियों ने तीन आइईडी का एक साथ किया था विस्फोट

दंतेवाड़ा

जिले के अरनपुर में 26 अप्रैल को हुए नक्सली आईईडी विस्फोट के जांच में सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम देने में किसी भी तरह से चूक की गुंजाईश को शून्य करने के लिए सड़क पर बारूदी सुरंग का पूरा जखीरा लगा दिया था।

नक्सलियों ने नकुलनार से अरनपुर जाने वाली सात मीटर चौड़ी पक्की डामर सड़क पर सुरंग बनाकर तीन आइईडी लगाई थी। तीनों आइईडी का एक ही कनेक्शन किया था। नक्सलियों ने करीब सौ मीटर पर नक्सली बैटरी लेकर बैठे थे। नक्सलियों ने सड़क की चौड़ाई अधिक होने के चलते तीन आइईडी लगा रखे थे। नक्सलियों ने दो आइईडी किनारे और एक बीच में लगा रखा था। तीनों आईईडी एक साथ फटे और जवानों से भरी गाड़ी के परखच्चे उड़ गये। इस घटना में डीआरजी के दस जवान और एक वाहन चालक की मौत हो गयी। पुलिस की जांच रिपोर्ट के संबध में किसी ने भी सार्वजनिक तौर पर खुलासा नही करने की बात कही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार घटनास्थल की जांच के दौरान आइईडी के तीन कनेक्शन मिले हैं, नक्सलियों ने प्रत्येक आइईडी में दो डेटोनेटर लगाए थे। सभी आइईडी का एक ही कनेक्शन सड़क के किनारे से जंगल तक नक्सली तार ले गए थे। बताया जा रहा है कि बीस-बीस किलो की तीन आइईडी नक्सलियों ने लगा रखी थी। अभी तक दंतेवाड़ा में जितने भी आईईडी विस्फोट अरनपुर घटना से पहले हुए थे सभी कम चौड़ाई वाले सड़कों पर नक्सलियों ने किए थे। इन सड़कों की लंबाई 3,75 मीटर की होती है। आईईडी प्लांट करने के लिये नक्सलियों ने सड़क को कहीं भी नहीं काटा बल्कि सड़क किनारे से सुरंग बनाकर आईईडी प्लांट किया था। करीब चार फीट व्यास वाली सुरंग का निर्माण नक्सलियों ने आईईडी लगाने के लिये किया था। इस सुरंग में हट्टा कट्टा व्यक्ति भी आसानी से अंदर जा सकता था। सुरंग बनाने में नक्सलियों को तीन से चार दिन का वक्त लगने का अनुमान है।

नक्सली दंतेवाड़ा में इससे पहले पालनार-किरंदुल सड़क पर एंटी लैंड माइंस व्हीकल को सिंगल सड़क पर नक्सलियों ने निशाना बनाया था। इसके बाद कटेकल्याण के गाटम में भी कम चौड़ाई वाले सड़क पर लैंड माइंस व्हीकल को नक्सलियों ने विस्फोट किया था। मैलेवाडा और श्यामगिरी में भी कम चौड़ाई वाले सड़क पर एक ही आइईडी से नक्सलियों ने विस्फोट की घटना को अंजाम दिया था। सुकमा मार्ग पर चिंगावरम में भी जब घटना हुई थी तब ये सड़क भी कम चौड़ाई वाली थी।
आरनपुर के डबल सड़क में नक्सलियों ने पहली बार एक साथ तीन आइईडी प्लांट कर जवानों को निशाना बनाया है। अभी तक कुछ हद तक पक्की डामर और चौड़ी सड़कों को विस्फोट से कुछ हद तक सुरक्षित माना जाता था। अरनपुर घटना के बाद अब पुलिस को फिर से नई चुनौती मिली है। पक्की डामर सड़क के अंदर लगाये गये माइंस को मेटल डिडेक्टर से भी पकड?े में सफलता नहीं मिलती है।

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