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शरद पवार छोड़ेंगे एनसीपी अध्यक्ष का पद, राजनीति से संन्यास का ऐलान

 मुंबई

 राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी चीफ का पद छोड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने आगे किसी भी तरह का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। पवार ने यह घोषणा ऐसे वक्त में की है, जब भतीजे अजित पवार की बगावत को लेकर कई अटकलें तेज हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि शरद पवार के सक्रिय राजनीति से पीछे हटने से महाराष्ट्र की राजनीति नई करवट लेगी। महाराष्ट्र में अगले साल लोकसभा चुनावों के साथ-साथ विधान सभा चुनाव भी होने हैं।  शरद पवार ने कांग्रेस छोड़कर 1999 में एनसीपी बनाई थी। शरद पवार ने इसके संकेत हाल ही में दे दिए थे, जब उन्होंने कहा था कि रोटी को अगर समय पर न पलटा जाए तो जल जाती है।

चाहता हूं कोई और संभाले जिम्मेदारी: पवार
शरद पवार ने मुंबई में अपनी पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में बड़ी घोषणा करते हुए सभी को एक बार फिर चौंका दिया। शरद पवार ने कहा, 'मुझे लंबे समय तक पार्टी के नेतृत्व का मौका मिला। मैंने अध्यक्ष पद की कई साल जिम्मेदारी निभाई। मैं चाहता हूं कि कोई और इस जिम्मेदारी को संभाले। अब मैं अध्यक्ष पद से रिटायरमेंट ले रहा हूं।' शरद पवार ने जैसे ही एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की, एनसीपी के तमाम बड़े नेता हाथ जोड़ने लगे। इस दौरान समर्थकों ने पवार के समर्थन में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। हाल ही में एनसीपी यूथ विंग के एक कार्यक्रम में शरद पवार ने इशारा कर दिया था कि अब नेतृत्व परिवर्तन का सही वक्त है।

24 साल से एनसीपी के अध्यक्ष हैं शरद पवार

शरद पवार ने कहा, 1999 में एनसीपी के गठन के बाद से मुझे अध्यक्ष रहने का मौका मिला. आज इसे 24 साल हो गए हैं. पवार ने कहा, 1 मई, 1960 से शुरू हुई यह सार्वजनिक जीवन की यात्रा पिछले 63 सालों से बेरोकटोक जारी है.  इस दौरान मैंने महाराष्ट्र और देश में अलग अलग भूमिकाओं में सेवा की है. पवार ने कहा, मेरा राज्यसभा कार्यकाल तीन साल का बचा है. इस दौरान मैं कोई पद न लेते हुए महाराष्ट्र और देश से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करूंगा.

कार्यक्रम में हुआ हंगामा

शरद पवार ने जैसे ही पद छोड़ने का ऐलान किया, कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. कार्यकर्ताओं ने शरद पवार से पद न छोड़ने की अपील की. कार्यकर्ता शरद पवार से फैसला बदलने की अपील करते दिखे. इस दौरान पावर के कुछ समर्थक और कार्यकर्ता रोते हुए भी नजर आए.

कमेटी बनाकर नए अध्यक्ष पर हो फैसला- शरद पवार

शरद पवार ने कहा, ''अब मुझे जो समय मिलेगा, उसे देखते हुए मैं अभी से इस काम पर ज्यादा ध्यान देने वाला हूं. मैं यह नहीं भूल सकता कि पिछले 6 दशकों में महाराष्ट्र और आप सभी ने मुझे मजबूत समर्थन और प्यार दिया है.''

पवार ने कहा, ''पार्टी जिस दिशा में जाना चाहती है, यह नई पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन करने का समय है.'' उन्होंने कहा, ''मैं सिफारिश कर रहा हूं कि अध्यक्ष पद के चुनाव पर फैसला करने के लिए एनसीपी सदस्यों की एक समिति बनानी चाहिए.''

कमेटी में हों ये सदस्य

पवार ने कहा, चुनाव समिति में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, केके शर्मा, पीसी चाको, अजित पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र
आव्हाड, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़, राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस की अध्यक्ष फौजिया खान, धीरज शर्मा,  राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस की सोनिया दूहन शामिल रहें.

शरद पवार के ऐलान के बाद क्या बोले अजित?

शरद पवार के ऐलान के बाद अजित पवार ने कहा, हम परिवार के लोग और पार्टी के नेता साथ में बैठेंगे. पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फैसला किया जाएगा. पार्टी की बैठक में आपकी भावनाओं के तहत ही शरद पवार फैसला करेंगे, ये आश्वासन मैं आपको दे सकता हूं.

नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए बनाई कमिटी
इसके साथ ही नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक समिति बनाई गई है। इस समिति में दिलीप वलसे पाटिल और नरहरि भी हैं। अजित पवार ने कहा है कि इस समिति का फैसला सभी को मंजूर होगा।

'रोटी को नहीं पलटा तो जल जाएगी'
चंद दिनों पहले ही पवार ने मुंबई में एनसीपी युवा कांग्रेस के युवा मंथन कार्यक्रम में कहा, 'तवे पर रोटी को घुमाना है, अगर नहीं घुमाया तो जल जाएगी, इसलिए रोटी के चक्कर में देरी करने से काम नहीं चलेगा। कुछ व्यक्तियों का समाज में कोई स्थान हो या न हो, कार्यकर्ताओं के बीच उनका सम्मान होता है। चाहे उनके पास पद हो या न हो। उस सम्मान को पाने के लिए आपको अगला कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।'

इसी कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ने कहा था, 'सोचिए किसे टॉप पर लाना है। नगर निकाय चुनाव में संगठन की ओर से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा। इससे एक नया नेतृत्व बनेगा।' शरद पवार को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। माना जाता है कि वह अपनी बात इशारों मे कह देते हैं। इस कार्यक्रम के जरिए भी पवार ने संकेत दे दिए थे।

एनसीपी में हो सकती है टूट:
शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के बगावत की अटकलें लंबे समय से लगती रही हैं। ऐसे में अजीत के पार्टी से टूटने की संभावना को बल सकता है। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इसी टूट से पार्टी को बचाने के लिए शरद पवार ने पार्टी के अध्यक्ष पद से हटने का फैसला किया है। अजीत पवार पहले भी पार्टी में बगावत कर चुके हैं। 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद अजीत पवार देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बना चुके हैं। उस सरकार में वह उप मुख्यमंत्री बनाए गए थे।

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