भोपाल
प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारी बिना विभागीय अंकेक्षण के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले अनापत्ति प्रमाणपत्र दे रहे है। लेकिन कई बार रिटायर्ड कर्मचारियों पर विभिन्न देनदारियां निकल रही है। इसलिए शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है विभाग में हाल ही में सेवानिवृत्त हुए और अगले एक साल में सेवानिवृत्त होंने वाले अधिकारियों,कर्मचारियों, शिक्षकों का विभागीय अंकेक्षण कराएगा।
प्राय: यह देखने में आ रहा था कि बिना विभागीय अंकेक्षण के कुछ संस्थाओं द्वारा सेवानिवृत्त कार्यालय प्रमुखों का पेंशन प्रकरण निराकृत कर दिया जाता है। सेवानिवृत्त होंने वाले अधिकारियों की जानकारी भी राज्य शिक्षा केन्द्र को उपलब्ध नहीं कराई जाती। जिसके कारण अंकेक्षण नहीं हो पाता। राज्य शिक्षा केन्द्र के नियंत्रक स्थापना डॉ रमाकांत तिवारी ने प्रदेश के सभी शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, सभी राज्य स्तरीय संस्थाओं के संचालक, प्राचार्य, सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्य और सभी जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बिना विभगीय अंकेक्षण के जिला शिक्षा अधिकारी से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया जाता है।
उन्होंने हाल ही में सेवानिवृत्त अधिकारियों औश्र एक वर्ष में सेवानिवृत्त होंने वाले अधिकारियों की जानकारी तत्काल निर्धारित प्रपत्र पर इस कार्यालय को अनिवार्यत: सात दिन में उपलब्ध कराने को कहा है ताकि समय रहते विभगीय अंकेक्षण प्रक्रिया पूर्ण हो सके।
तो लेखापाल होंगे दोषी
बिना विभागीय अंकेक्षण के पेंशन प्रकरण के निराकृत होंने की स्थिति में वर्तमान प्राचार्य व संबंधित लेखापाल दोषी होंगे व इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। सभी अधिकारियों के नाम, पद, प्रभार वाले पद का नाम, कार्यरत अवधि, संस्थान में आहरण एवं संवितरण अधिकार की अवधि , सेवानिवृत्ति का दिनांक और पेंशन प्रकरण की स्थिति का ब्यौरा मांगा गया है। यह सारी जानकारी सात दिन के भीतर राज्य शिक्षा केन्द्र को उपलब्ध कराना है।