नई दिल्ली
भारत में रिकॉर्ड GST कलेक्शन, हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या, टोल कलेक्शन में आ रहे उछाल, सर्विसेज PMI के 13 साल के उच्चतम स्तर और मैन्युफैक्चरिंग PMI के 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से क्या संकेत मिल रहे हैं. ये सब इंडिकेटर्स बता रहे हैं कि भारतीय इकॉनमी बेहद मजबूत स्थिति में है और यहां पर मंदी की जरा भी आशंका नहीं है. मंदी ना आने के कयास लगाने की वजह अकेले ये इंडिकेटर्स नहीं है. दरअसल, World of Statistics ने दावा किया है कि भारत में मंदी आने का चांस नहीं है. बड़े देशों में भारत अकेला ऐसा देश है जहां मंदी की जीरो परसेंट (0%) संभावना है.
US-UK पर मंदी का सबसे ज्यादा खतरा
हाल में आए कारों की बिक्री समेत तमाम तरह के आंकड़ों से भी भारतीय इकॉनमी में दमखम नजर आ रहा है. IMF के मुताबिक इस साल फिर से भारतीय अर्थव्यवस्था दुनियाभर में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली इकॉनमी होगी. इस बीच दुनिया में मंदी की आशंका की बात करें तो इसकी सबसे ज्यादा 75 फीसदी आशंका ब्रिटेन में है. इस लिस्ट में न्यूजीलैंड दूसरे नंबर पर है जहां इस साल मंदी आने की 70 परसेंट आशंका है. अमेरिका 65 फीसदी आशंका के सात तीसरे नंबर पर है.
बैंकिंग संकट से अमेरिकी परेशान
अमेरिका में बैंकिंग संकट और नकदी संकट की आशंका से मंदी आने की आशंका कई गुना बढ़ गई है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है और अगर वो मंदी की चपेट में आती है तो दुनियाभर में इसका भयानक असर देखने को मिल सकता है. अमेरिका में हाल ही में जिस तरह से बैंकों के डूबने के मामले सामने आए हैं और फेड भी लगातार ब्याज बढ़ा रहा है उससे भी अमेरिका का संकट काफी बड़ा है. अमेरिकी वित्त मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर एक जून तक डेट सीलिंग यानी कर्ज की सीमा नहीं बढ़ाई गई तो अमेरिका अपने इतिहास में पहली बार डिफॉल्ट कर जाएगा.
यूरोप पर मंदी का बड़ा खतरा
World of Statistics ने दुनिया की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को लेकर भी अनुमान जाहिर किए हैं, इनके मुताबिक जर्मनी, इटली और कनाडा में मंदी आने की आशंका 60 फीसदी है. वहीं फ्रांस में 50 फीसदी, दक्षिण अफ्रीका में 45 फीसदी और ऑस्ट्रेलिया में मंदी की आशंका 40 फीसदी है.
जापान-चीन पर भी मंदी का साया
इसके अलावा जिन देशों पर मंदी का साया मंडरा रहा है उनमें शामिल हैं रूस जहां पर मंदी की आशंका 37.5 फीसदी, जापान में 35 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया में 30 फीसदी और मेक्सिको में 27.5 प्रतिशत मंदी आने की आशंका है. वहीं स्पेन में 25 फीसदी, स्विट्जरलैंड में 20 प्रतिशत, ब्राजील में 15 परसेंट और चीन में इस साल मंदी आने की आशंका 12.5 प्रतिशत है. रिपोर्ट में सऊदी अरब में पांच परसेंट और इंडोनेशिया में दो फीसदी मंदी आने की आशंका जताई गई है.