नई दिल्ली
संसद के बजट सत्र में शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर उद्धाटन पर सदस्यों के बीच चर्चा हुई। चर्चा के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवैसी ने मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि क्या केंद्र सरकार किसी विशेष समुदाय, धर्म की सरकार है या पूरे देश की सरकार है।'
मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार
अयोध्या का जिक्र करते हुए असदुद्दीन औवैसी ने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है। 22 जनवरी का जश्न मनाकर आप करोड़ों मुसलमानों को क्या मैसेज देना चाहते हैं। क्या एक धर्म ने दूसरे पर विजय प्राप्त की। आप देश के 17 करोड़ मुसलमानों को क्या संदेश देते हैं।
नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं
औवैसी ने कहा कि क्या मैं बाबर, जिन्ना या औरंगजेब का प्रवक्ता हूं। मैं भगवान राम का सम्मान करता हूं, लेकिन मैं नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं। उसने उस व्यक्ति की हत्या की थी जिसके अंतिम शब्द 'हे राम' थे। उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर 1992 के बाद देश में फसाद हुआ था। नौजवानों को जेल में डाला गया। वो बूढ़े होकर बाहर निकले। एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, बाबर के बारे में क्यों पूछते हो। नेहरू, बोस और हमारे देश के बारे में पूछते। लोकसभा मख्तलिफ आवाजों में कैसे बोल सकता है। 16 दिसंबर 1992 को लोकसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें बाबरी विध्वंस की अलोचना की गई थी।
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