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AAP कांग्रेस को दिल्ली में सिर्फ एक सीट देगी

नईदिल्ली

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है, विपक्षी इंडिया गठबंधन से एक-एक कर राजनीतिक पार्टियां किनारा करती जा रही हैं. ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और जयंत चौधरी के झटके से इंडिया गठबंधन उबर भी नहीं पाया था कि अब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी सीट शेयरिंग को लेकर रेड लाइन खींच दी है.

दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को दिल्ली में एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. आम आदमी पार्टी के नेता संदीप पाठक ने कहा है कि हम कांग्रेस को दिल्ली में एक सीट का प्रस्ताव देते हैं. आम आदमी पार्टी छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी. संदीप पाठक बस छह और एक सीट के फॉर्मूले पर ही नहीं रुके.

उन्होंने समय पर जवाब देने की लाइन खींचते हुए यह भी कह दिया कि कांग्रेस की ओर से अगर इस प्रस्ताव पर समय पर जवाब नहीं मिला तो आम आदमी पार्टी सभी छह सीट पर उम्मीदवारों का ऐलान भी कर देगी. संदीप पाठक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली और पंजाब में इंडिया गठबंधन की तस्वीर को लेकर कयासों का दौर चल रहा है.

गौरतलब है कि दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल ने सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस के साथ जारी बातचीत के बीच  हाल ही में  पंजाब के तरनतारन में एक रैली को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया था. केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली की जनता ने ठान लिया है कि सभी सात लोकसभा सीटें आम आदमी पार्टी को देनी हैं.

गोवा और गुजरात के लिए ऐलान

आप ने इसके साथ ही गोवा और गुजरात के लिए भी उम्मीदवारों की घोषणा की. संदीप पाठक ने कहा कि समय में हो रही देरी को देखते हुए आज साउथ गोवा से वैंजी जो हमारे विधायक भी हैं, उन्हें उम्मीदवार घोषित कर रहे है. कांग्रेस के साथ गठबंधन का ध्यान देते हुए हमारी 1 सीट बनती है. इसलिये हम अपना उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं.

संदीप पाठक ने कहा, ''गुजरात के भरूच से चैतर बसावा और भावनगर से उमेश भाई मखवाना को उम्मीदवार घोषित कर रहे है. गुजरात में गठबंधन में हमारी 8 सीटें बनती है. हमें लगता है कि कांग्रेस इस पर हमारा समर्थन करेगी.'' उन्होंने कहा कि हम गठबंधन धर्म को निभाना चाहते हैं लेकिन जो देरी हो रही है वो ठीक नहीं है.

आम आदमी पार्टी (आप) का ये कदम इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इससे पहले ममता बनर्जी भी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं. वहीं इंडिया गठबंधन बनने के बाद नीतीश कुमार और जयंत चौधरी खुद को खेमे से अलग कर चुके हैं और एनडीए का हाथ थामा है.

 

 

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